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Panipat ki Yaaden
Barnes and Noble
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Panipat ki Yaaden in Franklin, TN
Current price: $14.99

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यदि आप यह जानने की रुचि रखते हैं कि बचपन में सुदीप जी की मानसिकता को किसने प्रभावित किया, तो आपके हाथों में यह सही किताब है। इस संग्रह में १२ संस्मरण कहानियाँ संकलित हैं। इन संस्मरणों की घटनाएं सन १९४८ से १९५५ के वर्षो के दौरान होती हैं। लेखक लगभग ५.५ साल के थे जब सन १९४८ में भारत के विभाजन के परिणामस्वरूप पश्चिम पंजाब में भड़के दंगो से बचने के लिए उनके शरणार्थी परिवार ने पहले कुरुक्षेत्र रिफ्यूजी कैंप में और फिर पानीपत की एक मस्जिद के खंडहर में अपना घर बना लिया। सुदीप जी की यह कृति पानीपत शहर और आस पास के जीवन की पड़ताल करती है। सुदीप जी अपनी कहानियों को कोमलता और श्रद्धा के साथ इस तरह बताते हैं कि पात्र इन पन्नों में फिर से जीवित हो उठते हैं - भले वे परिवार के सदस्य हों या फिर आस पास शहर के कारोबार, कलाकार, या कुम्हार। स्पष्ट और अंतरंग कहानियों के माध्यम से पानीपत में बिताए गए बचपन के पहले वर्षों के अनुभवों को लेखक ने इन संस्मरण कहानियों में साझा किया है। सुदीप की ये व्यक्तिगत, सामाजिक और दार्शनिक प्रभाव वाली कहानियाँ पाठकों को एक मनोहारी पठन लगेंगी।
यदि आप यह जानने की रुचि रखते हैं कि बचपन में सुदीप जी की मानसिकता को किसने प्रभावित किया, तो आपके हाथों में यह सही किताब है। इस संग्रह में १२ संस्मरण कहानियाँ संकलित हैं। इन संस्मरणों की घटनाएं सन १९४८ से १९५५ के वर्षो के दौरान होती हैं। लेखक लगभग ५.५ साल के थे जब सन १९४८ में भारत के विभाजन के परिणामस्वरूप पश्चिम पंजाब में भड़के दंगो से बचने के लिए उनके शरणार्थी परिवार ने पहले कुरुक्षेत्र रिफ्यूजी कैंप में और फिर पानीपत की एक मस्जिद के खंडहर में अपना घर बना लिया। सुदीप जी की यह कृति पानीपत शहर और आस पास के जीवन की पड़ताल करती है। सुदीप जी अपनी कहानियों को कोमलता और श्रद्धा के साथ इस तरह बताते हैं कि पात्र इन पन्नों में फिर से जीवित हो उठते हैं - भले वे परिवार के सदस्य हों या फिर आस पास शहर के कारोबार, कलाकार, या कुम्हार। स्पष्ट और अंतरंग कहानियों के माध्यम से पानीपत में बिताए गए बचपन के पहले वर्षों के अनुभवों को लेखक ने इन संस्मरण कहानियों में साझा किया है। सुदीप की ये व्यक्तिगत, सामाजिक और दार्शनिक प्रभाव वाली कहानियाँ पाठकों को एक मनोहारी पठन लगेंगी।